बरार पर हमले के एक आरोपी ने दोष कबूला"live Hindustan"
लंदन, एजेंसी
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) के एस बरार पर हमले के आरोपी तीन सिखों में से एक ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ सुनवाई दो अप्रैल से शुरू होगी। उन्हें आज दो अप्रैल तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया। साउथवर्क क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान 33 वर्षीय बरजिंदर सिंह सांघा ने वर्ष 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार के नायक बरार को गंभीर रूप से घायल करने के इरादे से किए गए हमले के आरोप को स्वीकार कर लिया। लेकिन मनदीप सिंह संधू (34 वर्ष) और दिलबाग सिंह (36 वर्ष) ने अपना दोष स्वीकार नहीं किया। 78 वर्षीय बरार पर 30 सितंबर 2012 को मध्य लंदन में हमला किया गया था। तब वह निजी दौरे पर वहां थे और अपनी पत्नी के साथ उस होटल की ओर जा रहे थे जहां वह ठहरे थे। हमले में उनकी पत्नी घायल नहीं हुईं। मदद के लिए पत्नी की चीख पुकार सुन कर आसपास के लोग एकत्र हो गए और पुलिस को बुलाया गया था। सांघा ने बरार की पत्नी पर हमला करने के दूसरे आरोप में खुद को बेकसूर बताया। जज एलिस्टर मैक्क्रेथ ने तीनों आरोपियों से कहा आपको दो अप्रैल तक हिरासत में भेजा जाता है। दो अप्रैल को आप लोग सुनवाई के लिए पेश होंगे। उन्होंने सांघा से कहा सांघा, सुनवाई पूरी होने के बाद आपको आपके किये की सजा मिलेगी। तीनों आरोपियों ने काले रंग की पगड़ी पहनी थीं, उनकी लंबी दाढ़ी थी, तीनों ने सिर्फ अपनी पहचान बताई तथा अपनी बात रखी।
संधू ने माना कि वह घटना स्थल पर मौजूद था लेकिन उसने कहा कि हमले में वह शामिल नहीं था। दिलबाग सिंह ने उस दिन मौके पर अपनी उपस्थिति के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।
जज ने घटना को गंभीर हमला करार देते हुए कहा कि समुचित जवाब न मिलने पर इसे अदालत के साथ सहयोग न करने का फैसला समझा जाएगा। बरार को मध्य लंदन के मार्बल आर्च इलाके की ओल्ड क्यूबेक स्ट्रीट पर किए गए इस हमले में गंभीर चोटें आईं लेकिन वह जानलेवा नहीं थीं। संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों ने उनकी गर्दन और गाल पर छुरा मारा था। सेवानिवृत्त जनरल बरार शुक्रवार की सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं थे। अदालत को बताया गया कि वह भारत से लाइव वीडियो लिंक के माध्यम से अपनी गवाही देंगे। उन्होंने वर्ष 1984 में स्वर्ण मंदिर में सिख अलगाववादियों के खिलाफ चलाए गए सैन्य अभियान की अगुवाई की थी। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि मामले के चश्मदीद गवाह कई हैं और अदालत को 28 मार्च को गवाहों की समय सारिणी पेश कर दी जाएगी। अदालत को सीसीटीवी फुटेज के छोटे अंशों, फोन पर बातचीत और इलाज संबंधी बयानों सहित अतिरिक्त सबूतों के बारे में भी बताया गया। इसे रसूखदार मामला बताते हुए जज मैक्क्रेथ ने अभियोजन पक्ष का इसकी रिपोर्टिंग पर रोक लगाने का आग्रह खारिज कर दिया। बरार पर हुए इस हमले को मीडिया में, खालिस्तान की स्थापना के उददेश्य से ब्रिटेन में बसे चरमपंथियों द्वारा की गई हत्या की कोशिश करार दिया गया था।