फास्ट ट्रैक कोर्ट में पहली फांसी " Live Hindustan"
नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता
महिलाओं के प्रति बढ़ रहे बलात्कार और हत्या के मामलों में तेजी से इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली में गठित फास्टट्रैक कोर्ट ने मंगलवार को मौत की पहली सजा सुनाई। अदालत ने तीन साल की नन्ही बच्ची का बलात्कार और हत्या करने वाले 56 वर्षीय व्यक्ति को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस कृत्य को दुर्लभ से दुर्लभतम बताया है।
द्वारका स्थित फास्टट्रेक कोर्ट के एडिशनल सेशन जज वीरेन्द्र भट्ट की अदालत ने दो साल पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि मुजरिम भारत सिंह घटना के समय पूरे होश में था। उसने मासूम बच्ची को बहला-फुसला कर बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया। मुजरिम जब बच्ची के साथ बलात्कार कर रहा था उसी दौरान बच्ची की मौत हो गई। लेकिन यह जानने के बाद भी कि बच्ची मर चुकी है वह दुष्कर्म करता रहा। अदालत ने अभियुक्त के इस कृत्य को बर्बर एवं जघन्य माना है।
अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराधों पर चिंता भी जाहिर की। कोर्ट के मुताबिक ऐसे लोग समाज के लिए घातक हैं। इन्हें सख्त सजा दिया जाना ही कानून व समाज के हक में है।
Tag Report --