केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नए ट्रैफिक चालान नियमों पर कहा कि सरकार का उद्देश्य सड़क सफर को सुरक्षित बनाना है। उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा जुर्माना घटाने के फैसले पर कहा कि चालान के जरिए राजस्व बढ़ाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। हम सिर्फ सफर को सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
सरकारों द्वारा जुर्माने की रकम कम करने के फैसले पर उन्होंने कहा कि मैं इस पर यही कहना चाहता हूं कि जुर्माने से मिली रकम राज्य सरकारों की ही मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जुर्माना घटाने का फैसला कर सकती है और यह उनपर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि केंद्र का मकसद सड़क परिवहन को सुरक्षित बनाना है। गडकरी ने साथ ही जोड़ा कि अगर लोग नियमों का पालन करेंगे तो उन्हें जुर्माना भरने की जरूरत नहीं है।
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- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को जुर्माना कम करने का अधिकार है, मैं अपील कर सकता हूं
- भारत में हर साल सड़क हादसों में 1 लाख 50 हजार से अधिक लोगों की जान जाती है
- नितिन गडकरी ने जोर देकर कहा कि सड़क सफर को सुरक्षित बनाना हमारी प्राथमिकता है
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- लोग किया सोचते है :-
- सूत्रों के अनुसार कुश लोग जहाँ चलान में ली जा रहे मोटी रकम से तो परेशान है देखने में भी आया की कई जगह पर लोगो ने अपने वाहनों को आग के हवाले कर दिया जब उनका चलान कटा।
उनका कहना है जब २० से २५००० हजार में हम कोई सेकंड हैंड वाहन भी खरीदते है और उस पर चलान १५००० हो जाता है तो किया किया जाये। . उन्होंने सरकार से यह अपील की है की किसी भी तरह इस पर गौर फ़रमाया जाये।
और दुसरे तरफ कुश वीडियो वायरल हुए जिसमे कुश पोलिस अधिकारी भी रूल्स तोड़े सामने आये .. सिरफ जनता के लिए नहीं बल्कि हर भारत के नागरिक के लिए यह रूल्स अप्लाई होते है। इस लिए हम सब को सहयोग देना चाहिए। और हो सके एक अपना चेक्किंग के ददौरान भी एक फ्रेंडली मौहल होना चाहिए मिलजुलकर हम अपने देश की सेवा मैं हाथ बढ़ाये। - हम कहते है अगर कार ड्राइविंग कार के अंदर से कागज़ फेकता है या डस्टबिन में फेकने वाला सामान सड़क पर गिरता है ऐसे लोगो पैर चलान होना चाहिए। जो लोग प्रेशर हॉर्न का इस्तमाल करते है उन पर भी करवाइये होने चाहिए , जो निजी वाहनों पर हूटर का इस्तमाल करते है इस पर भी ध्यान देना चाहिए।
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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी
हम युवाओं के जान की कीमत समझते हैं और उनके जीवन को सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहे हैं।'
गडकरी ने कहा कि सख्त कानून की जरूरत थी क्योंकि लोग ट्रैफिक रूल को बेहद हल्के तौर पर लेते थे। उनके जेहन में कानून के प्रति न तो भय था और न आदर. मैं बतौर मंत्री सिर्फ अपील ही कर सकता हूं कि यह फाइन रेवेन्यू के लिए नहीं है, लोगों की जिंदगी बचाने के लिए है।'
हमारी नज़र में :-\
देखा जाये तो मंत्री जी ने अपने लिए नहीं बल्कि पब्लिक की प्रोटेक्शन के लिए ये कदम उठाया है।
हाँ जुर्माना जायदा है यह हम भी मानते है लकिन ज़िंदगी से बढ़कर कुश भी नहीं है। जुर्माना कम होना चाहीए हम भी इससे सहमत है और मंत्री जी ने भी अपने भाषण में यह कहा की वो अपील कर सकते है की आप सब रूल्स को फॉलो कीजिये उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार यह फैसला ले सकती हैं, की जुरमाना कम किया जाये या न।
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