सुप्रीम कोर्ट ने आज पटाखों पर पूरी तरह तो प्रतिबंध नहीं लगाया लेकिन इनके इस्तेमाल के साथ कुछ शर्तों को जोड़ दिया। दिल्ली सहित कई शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस पर अहम फैसला दिया। ये हैं फैसले से जुड़ी बड़ी बातें-
- दिवाली पर रात 8 से 10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे। जबकि क्रिसमस और नए साल पर रात 11.55 से 12.30 तक ही पटाखे फोड़े जा सकेंगे।
- दिल्ली में पटाखे केवल नामांकित स्थानों पर ही फोड़े जा सकेंगे। जिनकी पहचान हफ्तेभर में कर ली जाएगी।
- जुलाई 2005 में ध्वनि प्रदूषण पर आए फैसले में ध्वनि की सीमा बताई गई थी। केवल वही पटाखे फोड़े जा सकेंगे जो इस सीमा में आते होंगे। जबकि लड़ियां और अधिक प्रदूषण वाले पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
- पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त ट्रेडर्स ही कर सकेंगे। पटाखों की बिक्री करने वाले लाइसेंस ट्रेडर्स को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जो पटाखे वह बेच रहे हैं वह अधिक प्रदूषण फैलाने वाले न हों।
- पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं होगी। अगर कोई ई कॉमर्स साइट पटाखों की बिक्री करती है तो वह अदालत की अवमानना की जिम्मेदार होंगी।
- दिल्ली में पटाखे केवल नामांकित स्थानों पर ही फोड़े जा सकेंगे। जिनकी पहचान हफ्तेभर में कर ली जाएगी।
- जुलाई 2005 में ध्वनि प्रदूषण पर आए फैसले में ध्वनि की सीमा बताई गई थी। केवल वही पटाखे फोड़े जा सकेंगे जो इस सीमा में आते होंगे। जबकि लड़ियां और अधिक प्रदूषण वाले पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
- पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस प्राप्त ट्रेडर्स ही कर सकेंगे। पटाखों की बिक्री करने वाले लाइसेंस ट्रेडर्स को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि जो पटाखे वह बेच रहे हैं वह अधिक प्रदूषण फैलाने वाले न हों।
- पटाखों की ऑनलाइन बिक्री नहीं होगी। अगर कोई ई कॉमर्स साइट पटाखों की बिक्री करती है तो वह अदालत की अवमानना की जिम्मेदार होंगी।
अगर इन नए नियमों का उल्लंघन होता है तो संबंधित इलाके का पुलिस इंचार्ज इसके लिए जिम्मेदार होगा।
report- रिपोर्ट U.J