बेटे की हत्यारी भारतीय मां को ब्रिटेन में उम्र कैद
लंदन, एजेंसी
कुरान कंठस्थ नहीं करने के कारण पीट-पीट कर सात वर्षीय पुत्र की हत्या करने
वाली भारतीय मूल की महिला को सोमवार को हत्या और अपराध का सबूत मिटाने के
लिए बच्चों के शव को बार्बेक्यू जेल लगाकर जलाने के मामले में उम्र कैद की
सजा सुनाई गई। सारा एज (33) को जब सजा सुनायी गई कि 17 वर्ष के कारावास के बाद की पैरोल
के लिए उसके अनुरोध पर विचार किया जाएगा, तो वह बेहोश हो गई और उसे उठने के
लिए सहारा देना पड़ा।
कार्डिफ क्राउन कोर्ट ने इस मुकदमे की सुनवायी की। भारत से गणित की स्नातक
सारा पर आरोप था कि कुरान की आयतें नहीं याद करने पर उसने अपने बेटे यासीन
के साथ कुत्ते जैसा व्यवहार किया।
गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, सारा ने अपने बेटे के हाथों और शरीर पर तब
तक मारा जबतक कि वह बेहोश होकर अपने कमरे के फर्श पर गिर नहीं गया। उसकी
जुलाई 2010 में मौत हो गई।
उधर, बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, उसे न्याय में हस्तक्षेप करने का भी
दोषी पाया गया और उसे इस अपराध के लिए चार वर्ष कैद की सजा सुनायी गई। सारा
के पति टैक्सी चालक यूसुफ एज को अपने बेटे को मौत से नहीं बचा पाने के दोष
से मुक्त कर दिया है।
हत्या के मामले में खुद को दोष मुक्त बताते हुए सारा ने दावा किया था कि
उसके पति यसीन की मौत के जिम्मेदार थे। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश विन
विलियम्स ने कहा कि मैं संतुष्ट हूं कि उस दिन कुरान याद करने में उसकी
(यसीन की) असफलता के कारण ही उसे पीटा गया और उसकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि यसीन की मौत के दिन आपने उसे स्कूल नहीं जाने दिया। उसे घर
में रखा ताकि वह कुरान पढ़ सके। वह आयतों को कंठस्थ कर रहा था लेकिन उस
दिन वह किसी तरह असफल रहा जिसकी वजह से उसे पीटा गया।
--Tag Report --