मथुरा, एजेंसी
सीमा पर पाक सैनिकों की वहशियाना हरकत का शिकार हुए भारतीय सेना के दो सैनिकों में से एक उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी हेमराज के परिजनों सहित करीब दो सौ ग्रामीण केंद्र सरकार से शहीद का सिर वापास लाने की मांग करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। शहीद के परिजन कहना है कि केंद्र सरकार किसी भी प्रकार उनके शहीद बेटे का सिर उन्हें लाकर दे, क्योंकि इसके बिना न तो अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होगी और न ही हेमराज की आत्मा को शांति मिलेगी।हीद के परिजन इस बात पर भी खफा हैं कि केंद्र अथवा उत्तर प्रदेश सरकार का कोई प्रतिनिधि न तो शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ और न ही पिछले एक सप्ताह से उनके पास आया। हेमराज के ताऊ हरिकिशन व चाचा अमरचंद, नरेश और गजेंद्र आदि ने एक सुर में कहा कि जब तक सरकार उनके शहीद बेटे का सिर वापस नहीं दिलाएगी। वे लोग अन्न का दाना भी मुंह में नहीं डालेंगे।उनकी इस मांग का समर्थन करते हुए गांव के दो सौ व्यक्ति धरने पर बैठ गए हैं। वे सभी शहीद के अंत्येष्ठि स्थल पर तिरंगा झण्डा लगाकर शहीद के चित्र के समक्ष बैठे हैं। जैसे-जैसे यह खबर फैल रही है, आसपास के गांवों के लोगों का भी उनके समर्थन में जुटना शुरू हो गया है। गांववासी प्रदेश सरकार से भी इसलिए नाराज है क्योंकि दूसरे शहीद सीधी के सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद शामिल हुए, किंतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री परिजनों को सांत्वना देने मथुरा नहीं पहुंचे।
उनकी दलील है कि मथुरा के प्रभारी मंत्री भी यहां जब कलक्ट्रेट पर मीटिंग लेने पहुंचे तो मीडियाकर्मियों के सवालों से घबराकर ही खैरार तक पहुंचे थे। इस मामले में यह और भी गंभीर बात है कि जहां पुरुष गांव के बाहर धरना दे रहे हैं, वहीं हेमराज की मां मीना देवी व पत्नी धर्मवती सहित परिवार की अन्य महिलाएं घर में ही अनशन पर बैठ गई हैं।
--रिपोर्ट --
सीमा पर पाक सैनिकों की वहशियाना हरकत का शिकार हुए भारतीय सेना के दो सैनिकों में से एक उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद निवासी हेमराज के परिजनों सहित करीब दो सौ ग्रामीण केंद्र सरकार से शहीद का सिर वापास लाने की मांग करते हुए आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। शहीद के परिजन कहना है कि केंद्र सरकार किसी भी प्रकार उनके शहीद बेटे का सिर उन्हें लाकर दे, क्योंकि इसके बिना न तो अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी होगी और न ही हेमराज की आत्मा को शांति मिलेगी।हीद के परिजन इस बात पर भी खफा हैं कि केंद्र अथवा उत्तर प्रदेश सरकार का कोई प्रतिनिधि न तो शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ और न ही पिछले एक सप्ताह से उनके पास आया। हेमराज के ताऊ हरिकिशन व चाचा अमरचंद, नरेश और गजेंद्र आदि ने एक सुर में कहा कि जब तक सरकार उनके शहीद बेटे का सिर वापस नहीं दिलाएगी। वे लोग अन्न का दाना भी मुंह में नहीं डालेंगे।उनकी इस मांग का समर्थन करते हुए गांव के दो सौ व्यक्ति धरने पर बैठ गए हैं। वे सभी शहीद के अंत्येष्ठि स्थल पर तिरंगा झण्डा लगाकर शहीद के चित्र के समक्ष बैठे हैं। जैसे-जैसे यह खबर फैल रही है, आसपास के गांवों के लोगों का भी उनके समर्थन में जुटना शुरू हो गया है। गांववासी प्रदेश सरकार से भी इसलिए नाराज है क्योंकि दूसरे शहीद सीधी के सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद शामिल हुए, किंतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री परिजनों को सांत्वना देने मथुरा नहीं पहुंचे।
उनकी दलील है कि मथुरा के प्रभारी मंत्री भी यहां जब कलक्ट्रेट पर मीटिंग लेने पहुंचे तो मीडियाकर्मियों के सवालों से घबराकर ही खैरार तक पहुंचे थे। इस मामले में यह और भी गंभीर बात है कि जहां पुरुष गांव के बाहर धरना दे रहे हैं, वहीं हेमराज की मां मीना देवी व पत्नी धर्मवती सहित परिवार की अन्य महिलाएं घर में ही अनशन पर बैठ गई हैं।
--रिपोर्ट --